रिपोर्ट-अभिनव अग्रवाल
नजीबाबाद। यह संसार दुख का सागर है। यहां ना अमीर सुखी है और ना ही गरीब सुखी है, जिसने परमात्मा को मन में बसा लिया उसे परम सुखी की प्राप्ती होती है। उक्त कथन नगर मे चल रही श्रीमद भागवत कथा सप्ताह के पांचवें दिन कथा वाचक अमरीश दास जी महाराज ने व्यक्त किए। भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वृतांत सुनाया। इन्ही में से एक गोवर्धन पूजा के प्रसंग के दौरान उन्होने बताया कि किसी प्रकार भगवान श्रीकृष्ण ने भगवान इन्द्र के घमण्ड को चूर करने के लिए बृजवासियों को गिरिराज की पूजा करने के लिए प्रेरित किया और इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिए अपनी ऊंगली पर गिरिराज को धारण कर समस्त बृजवासियों को बचाया। संगीतमय कथा वाचन के दौरान मौके पर उपस्थित सैंकडों की संख्या में श्रद्धालु भाव विभोर हो कर नृत्य करने लगे। इस अवसर पर अलका अग्रवाल, पुष्प माहेश्वरी, मोहनलाल अग्रवाल, राजन माहेश्वरी, मधु माहेश्वरी, दीपा कश्यप आदि श्रद्धालु रहे।