(बिजनौर ) रिपोर्ट-ज़िया अब्बास
जोगीरामपुरी।दरगाहे आलिया नजफ ए हिन्द मेँ बीती रात आख़री नबी के जा नशीन मौलाये क़ायनात अमीरुल मोमेनीन के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर एक महफिल का आयोजन किया गया।जिसमे हिंदुस्तान के मशहूरो मारूफ शायरों ने अपने अपने कलाम पेश किये,महफिल शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद नक़वी व शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड उत्तर प्रदेश के चेयरमैन अली ज़ैदी की ज़ेरे निगरानी रही।
महफिल का आगाज़ तिलावते कलामे पाक से मौलाना मिक़दार हुसैन ने किया महफिल की अध्यक्षता कमेटी के अध्यक्ष इरम अली ज़ैदी ने की तथा संचालन मौलाना अहमद बिजनौरी ने किया नाते पाक शहनशा बिजनौरी ने पड़ी और महफिल को ख़िताब किया मौलाना अली गाज़ी ज़ैदी ने। जुगनू औरंगाबादी ने पड़ा -जशने हैदर मेँ बैठे हुये बेखौफ रहो, आज तो मौत भी आयेगी तो टल जायेगी, डॉ गुलशन बिजनौरी ने पड़ा -मेरे लबों को महकता गुलाब करदेगा, अली का ज़िक्र मुझे आफ़ताब करदेगा।
सलीम ज़ैदी रामपुरी ने पड़ा -ज़ब तक मेरे खुदा ये मेरी ज़िन्दगी रहे, हर दुश्मने अली से मेरी दुश्मनी रहे। आज़म कोतवाली ने पड़ा -ये बजमे तेहरा रजब हमने जो सजाई है, ज़हूंरे नूरे अली की ख़ुशी मनाई है। मुकेश दर्पन ने पड़ा -बे दीन कौन साहिबे इमान कौन है, और वे खुदा ने दी है तो पहचान कौन है, तुमने अली के बाप को काफिर तो कह दिया, फिर ये बताओ मुझको मुसलमान कौन ह। मीर सादिक़ सिरसिवी ने पड़ा -इसमें पैदा हो गये हं हैदरे कर्रार आज, खानाये काबा हुआ है क़ाबिले दीदार आज। इनके अलावा शामी अमरोहवी, ज़ाहिद नौगांनवी, हैदर किरतपुरी,शोबी नौगांनवी,
खुशतर सिरसिवी, सलीम अमरोहवी,सलीम ज़ैदी मुंबई(रामपुर)नसिमूल बाक़री शोबी सिरसिवी, मारूफ सिरसिवी, ज़ामिननौगांनवी, नय्यर बिजनौरी,आदि के कलामो को भी खूब दाद मिली और सराहा गया, महफिल मेँ अध्यक्ष इरम अली, कार्यवाहक सचिव मौलाना क़सीम अब्बास, वक़ार आब्दी, अता अब्बास, मरगूब आलम, मीर सादिक़, कमाल ज़ैदी, प्रबंधक हुसैन मेहदी, अब्बास रज़ा, जौन अब्बास मोहम्मद हैदर अमजद अली व काफी तादात मेँ उलमाये कराम आदि मौजूद रहे कमेटी की तरफ से ज़ायरीनो के ठहर ने व खाने पीने की व्यवस्था की गई।अंत मेँ कार्यवाहक सचिव मौलाना क़सीम अब्बास ने महफिल मेँ आये ज़ायरीनाँ व शायरों का शुक्रिया अदा किया।इससे पहले दरगाहेँ आलिया मेँ हज़रत अली के नाम पर पहली बार शिक्षा को बढ़ाने के लिये एक लाइब्रेरी का उद्घाटन अध्यक्ष व सचिव ने रिबेन काट कर किया।
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